April 10, 2014

चन्द राहतें !

Photo Courtesy : Google

तेरा आफ़ताबी चेहरा
आज फिर
उड़ा ले गया 
मेरे ख्वाब,
औ’ छोड़ आया मुझे
उन उदास तारों के 
इर्द-गिर्द

जहां मेरी बेजुबां 
नीदें करती रही
एक बेबुनियाद सफ़र,

चुनती रहीं
चन्द राहतें,
कुछ 
बिखरे हुए पल..!!


- अंकिता चौहान