April 10, 2014

हथेलियाँ

Photo Courtesy  : Google

इन उलझनों की
बारिश में
नरम धूप सी
खिलती तेरी हथेलियाँ

ना जाने
कहां गुम हो गयीं !

हथेलियाँ,
जो ज़िदंगी से
मेरी हर शिकायत को
धूमिल कर जाती थीं

हथेलियाँ,
जो मेरी ख्वाहिशों के
खडंहर पर,
सुकून भरे
लम्हें रख जाती थी !!


- अंकिता चौहान