ANKITA's DNA
Of words and pauses
April 03, 2014
पंखुड़ियाँ - 4
Photo Courtesy : Google
1.
शाम को महका
वो तेरा
इक ख़्याल,
रात की स्याही में
सवाल बन
छुप गया ॥
2.
कल रात
महक गया फिर
ख़्वाब तेरा,
भोर तलक
तेरे पास रहने का,
मुझे फिर गुमां रहा ॥
- अंकिता चौहान
Newer Post
Older Post
Home