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1.
लौट कर इक बार फिर
..
अपने वादों को सच्चा
कर, या
मेरी सांसों को झूठा
कर जा ॥
2.
दिल पर ज़ख्म
इस कदर दिये जाते
हैं,
ज़िन्दगी चन्द लम्हों
का
किस्सा हो जैसे ॥
3.
हाथों की इन बेमानी
लकीरों से
प्यार है मुझे,
ये उस वक़्त भी साथ
थीं,
जब ज़रूरत थी तेरी ॥
4.
ना पूछ कैसा आलम था
बिछड़ते हुए जब उसके
दिल को,
मरहम दिया . . मेरे
अश्कों ने ॥
5.
कल रात फिर
तेरी यादों की महफिल
सज़ी,
हर अश्क़ मेरा
तेरी हथेली को तरसा
रात भर ॥
- अंकिता चौहान