March 16, 2014

पंखुड़ियाँ – 2

Photo Courtesy - Google

1.

इन आयतों में अक्सर तेरा अक्स ढूंढ़ते हैं,
सुन, इश्क़ की स्याही से इक रब्त फेर दे तू ॥


2.
आइने को भी मुझसे रश्क सा हो जाता है,
तेरी आंखों में जब मेरी तस्वीर बोलती है ॥


3.
दिल में एक हलचल सी मचा जाता है,
तेरा यूँ खामोशी से मुझे पढ़ते जाना ॥


4.
मुस्कुरा कर हमनें पूछा जब
उनकी खामोशी का सबब,
मेरी आंखों में एक अरसे से थमी
नमी देख वो मुस्कुरा दिये ॥


5.
संभल कर चलना तो मोहब्बत का दस्तूर नहीं,
पल पल सुलग सके तो इश्क़ से इश्क़ कर ॥


- अंकिता चौहान