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1.
अपने साथ ले जाती है
रूह भी जीवन की माँ,
एक जिस्म बचता है
खाली खाली सा...
और इक दिल भरा भरा ॥
2.
एहसास के ताने-बाने
से हम छोटी सी ज़िन्दगी बुनते हैं,
कुछ रिश्ते हमें,
कुछ रिशतों को हम चुनते हैं ॥
3.
ज़िंदगी भर परखते रहे
मुझे मेरे चाहने वाले,
दिल-ए-नादां ने वो
सब सहा जो कभी सोचा न था ॥
4.
ये बेफिक्र सी सुबह,
गुनगुनाहट शामों की...
ज़िन्दगी खूबसूरत है,
गर आदत हो मुस्कुराने की ॥
5.
अपनी हज़ार ख्वाहिशों
की कुर्बानी दे,
तेरी हर इक चाहत को
पहरन देती है.
माँ तो ऐसी ही होती है
॥
- अंकिता चौहान