March 16, 2014

पंखुड़ियाँ

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1.
अपने साथ ले जाती है रूह भी जीवन की माँ,
एक जिस्म बचता है खाली खाली सा...
और इक दिल भरा भरा ॥


2.
एहसास के ताने-बाने से हम छोटी सी ज़िन्दगी बुनते हैं,
कुछ रिश्ते हमें, कुछ रिशतों को हम चुनते हैं ॥


3.
ज़िंदगी भर परखते रहे मुझे मेरे चाहने वाले,
दिल-ए-नादां ने वो सब सहा जो कभी सोचा न था ॥


4.
ये बेफिक्र सी सुबह, गुनगुनाहट शामों की...
ज़िन्दगी खूबसूरत है, गर आदत हो मुस्कुराने की ॥


5.
अपनी हज़ार ख्वाहिशों की कुर्बानी दे,
तेरी हर इक चाहत को पहरन देती है.
माँ तो ऐसी ही होती है ॥


- अंकिता चौहान