June 28, 2013

मित्र



शिशिर के शामियाने पर
बेपरवाह ओस की बूंद जैसी
थोड़ा सा लड़कपन
नादान सा बचपन लिए
देखा था उसे ....

असमंजस में डाल दिया था उसने
अपने व्यक्तित्व से मुझे
कैसे हर किसी को बांध लेती थी
अपनी चंचलता से ,
फुदकती हुई,
अपनी बेहिसाब थिरकती हरकतों से
जीवन तराशती थी वो...

कागज़ पर बिखेर देती थी
कई रंग ज़िन्दगी के,
चहकते पंछियों से
होंसलों के पंख उधार लिए
छू आती थी . . नीले आसमां को

मीलों तक फैली मेरी खामोशी के पलों में
अपने ह्रदयस्पर्शी अलफाज़ों को
अटूट रिश्ते की चाशनी में लपेट
बना देती थी खास मुझे ...

आज अपनी भोली भाली शरारतों से
फासला कर ...
कुछ नये रिश्ते , कुछ नये सिलसिले
तलाशने निकल रही है ,
कुछ सकुचाई सी,
कुछ-कुछ शरमाई सी ...


लबों पर पंखुड़ियों सी मुस्कान,
और दिल में हज़ारों उमंगें लिए,
रख रही है कदम एक नये ज़हां में,
फिर किसी शक्स के
स्वप्निल मधुबन को संवारने ....!!


- अंकिता चौहान

June 22, 2013

तेरे लिए


Photo Courtesy - Google




आज फिर कुछ उकेरा है 
कागज़ पर
तेरे लिए ...
हर शब्द चखा है ,
हर लफ्ज़ तोला है
यादों के तराज़ू  पर
तेरे लिए ..

रिश्ते को
एक नया आयाम 
देने की कोशिश की है ,
बांधा है
दिल की कई उचाँईयों को ,
वादों की गहराईयों से  
तेरे लिए ..

बेमानी बंदिशों को
छुपा दिया है सन्दूक में ,
नादान चाहत ने फिर
पंछियों सी 
उड़ान भरी है आज
तेरे लिए ..

ताज़े फूलों की तरह महकता
अपनत्व भेजा है ,
अक्षरों का लिबास लिए  
मात्राओं में बांध अपनी धड़कनों को भेजा है
बस .. तेरे लिए !!



- अंकिता चौहान

June 21, 2013

कोई मुझ सा ..!!

Photo Courtesy - Google





अक्सर ढूंढते रहते हैं हम अपना प्रतिबिम्ब
कुछ समानताऐं छांटते रहते हैं
विभिन्न चलती हुई आकृतियों में

कहीं कुछ मिल जाए ...अपना सा ... मेरे जैसा
ह्रदय से स्वीकारा हुआ.... सम्पूर्ण ।

पर आँखों को जॅचती है कभी तस्वीर एक ही रंगों वाली...?  
कोरी सी लगती है ..
और एक अरसा बीतने पर धुंधला सा जाता है अक्स उसका

मस्तिष्क कल्पनाऐं करने लगता है
प्रकृति से चुराए हुए रंगों को ,
अनछुए ही तस्वीर में भरने लगता है,
सम्पूर्णता  वो तब भी चाहता है...

बस खिलती हुई .. महकती हुई ..
प्रकृति का अंश लिये हुए ,
जीवन से परिपूर्ण ।

इन नाजुक रिश्तों में यही बात बिसार बैठते हैं हम ..
भूल जाते हैं , उसकी नादानियाँ .. अलग सा होना ..

मेरे व्यक्तित्व से जुदा सा होना ही ..
पूरा करता है मुझे .. !!

- अंकिता चौहान