December 27, 2016

Panah : Qisson Ka Kona with Neelesh Misra

अभी कुछ देर पहले तक मेरी जिंदगी वैसी ही थी जैसे बीते छ: सालों से हुआ करती थी। अलार्म बजते ही आधी-नींद में स्प्रिंग की तरह उचक के खड़े हो जाना। बिखरी फाईल्स को बिस्तर से समेटना। लैपी चार्जिंग से निकालकर, मोबाईल चार्जिंग पर डालना। इस बीच दो मिनट चुराकर ट्वीटर चेक कर लेना। मूड अच्छा हुआ तो डीपी बदल दी और अगर मूड खराब हुआ तो 140 शब्दों में जरा आउट-रेजिया देना। और सबसे जरूरी काम, घर से निकलते वक्त मेरे दोस्त, निखिल के उन दो-चार रोमांटिक मैसेजेस पर वो किस्सी वाली स्माईली चिपकाते हुए गाड़ी का स्टीयरिंग घुमाना और ये पहुँच गई मैं सीधे ऑफिस।
लेकिन आज लग रहा था जैसे मेरे हंसते-खेलते रूटीन का स्टीयरिंग, उछलकर किसी और के हाथ में चला गया हो

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