Ottessa MoshFegh अपनी किताब ‘My
Year of Rest and Relaxation’ में लिखती हैं कि “धीरे धीरे मेरे अंदर जिंदगी कम
होती जा रही थी, अगर ये सब यूँही चलता रहा तो मुझे
लगता है कि मैं एक दिन यहाँ
से बिलकुल
गायब हो जाऊंगी, फिर शायद किसी और स्वरूप में खुद
को पा सकूँ। मेरे लिए एक यही उम्मीद बची थी। यही मेरी चाहत भी थी”
जब जिंदगी ऊपर से दौड़ती हुई लगे लेकिन अंदर ही अंदर
वो ठहर चुकी हो, ठहराव ऐसा जो सुकून नहीं बासीपन
से घिरा हो। चेहरे पर मुस्कुराहट रहे लेकिन मन के किसी कोने में उदासी ने घर बसा लिया
हो, तो इंसान एक लंबी गहरी नींद की कामना करता है। यह किताब
एक ऐसी ही लड़की की कहानी है, लेखक ने किरदार को कोई नाम नहीं
दिया है, न्यू यॉर्क में रहने वाली एक चौबीस साल की लड़की, अचानक फैसला लेती है कि वो अब
नौकरी नहीं करेगी, वो एक पूरा साल खुद को देगी। कुछ
सप्ताह या महीने नहीं, पूरा साल। वो आगे क्या करेगी, कुछ पता नहीं, सिर्फ नींद निकालने के लिए इतना लंबा वक्त?
अपने माता-पिता को खो देने के बाद उठाया उसका ये कदम पहले पहल डिप्रेशन में चले जाने जैसा संकेत देता है, लेकिन वो ना तो अपने पेरेंट्स
कों याद कर रही है, ना ही उनसे कोई जुड़ाव महसूस कर
रही है, जैसे दुख को रहने के लिए कोई कोना ना मिला तो वो उसके
समूचे अस्तित्व में व्याप गया हो।
इस बीच वो सिर्फ ग्रोसरी शॉपिंग के लिए घर से बाहर कदम
रखती है, सोने के अलावा, टीवी पर अपने टीनेज टाईम के कुछ
प्रोग्राम्स और मूवीज़ उसको व्यस्त
रखे हुए है। कभी कभी उसकी एक दोस्त रेवा, उससे मिलने आती है जिसे वो पसंद नहीं करती, लेकिन घर से बाहर भी नहीं निकाल
सकती। जिंदगी से, अपने करीबियों से उकताई हुई वो लड़की, खुद को ड्रग्स पर रखती है, झूठे प्रिस्क्रिप्शन बनवाकर वो
एक ऐसे सपने में जीना चाहती है जहां उसे किसी बात की फिक्र ना रहे।
यह किताब प्लॉट पर केन्द्रित नहीं है, फिर भी Ottessa MoshFegh का बेहतरीन लेखन आपको आखिर तक बांधे रखता है। जहां हर लेखक अपने किरदार को लाईकेबल बनाने की दौड़
में शामिल दिखता है, MoshFegh एक ऐसा किरदार गढ़तीं है जो नहाक
उबाऊ है फिर भी पाठकों की किताब में दिलचस्पी बनाए रखता है। जिंदगी की कड़वाहट को कैसे
लिरिकल तरीके से लिखा जाए, MoshFegh बखूबी जानती हैं।
2021 में पढ़ी गई ये मेरी पहली किताब थी, इसके शीर्षक ने ध्यान खींचा, इतने लंबे अरसे के लिए कोई अपनी
नॉर्मल लाईफ से डीअटैच हो जाए कैसे संभव है? मुझे पहले पहल ये किरदार प्रिवलिज्ड
लगा, लेकिन जैसे जैसे उसकी परत दर परत उतरती है, आप एक गंभीर मुद्दे का हिस्सा
हो जाते हैं। जो अब तक अजीब लग रहा था वो कितना नॉर्मल है। जिस मेंटल स्टेट पर हम बात करना
भी जरूरी नहीं समझते उसपर एक किताब लिख दी गई है, जिसे जरूर पढ़ा जाना चाहिए, खुद को समझने के लिए, अपने आप-पास फैली झूठी मुस्कुराहटों को बूझने के लिए, भीतर से थोड़ा तरल हो जाने के लिए। कुल 300 पृष्ठों में सिमटी इस
किताब को ‘विंटेज बुक्स’ ने पब्लिश किया है।